लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश के शहरों को विश्वस्तरीय बनाने व इनमें रहने वालों का जीवन सुगम बनाने के लिए खजाना खोल दिया है। वर्ष 2024-25 के बजट में सरकार ने नगर विकास विभाग को 25698.28 करोड़ रुपये दिए हैं। शहरों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए सरकार आठ हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। शहरों में जलभराव व बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए सरकार ड्रेनेज की नई योजना ”अर्बन फ्लड एवं स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज” शुरू की है। इसके लिए सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये दिए हैं। नगरीय निकायों की मुख्य सड़कों को अत्याधुनिक बनाने के लिए सीएम-ग्रिड्स योजना में 800 करोड़ रुपये दिए हैं।
प्रदेश सरकार अपने शहरों की सूरत बदलने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार बड़ा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर है। अमृत 2.0 के तहत पेयजल, सीवरेज तथा जल स्रोत के लिए इस बजट में 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। पिछले बजट में भी सरकार ने इसमें 5616 करोड़ रुपये दिए थे। नगरीय निकायों की मुख्य सड़कों को भी हाईवे व एक्सप्रेसवे की तर्ज पर अत्याधुनिक बनाने के लिए बड़ी धनराशि दी गई है। 10 से 45 मीटर चौड़ी सड़कों के निर्माण व पुनर्निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट योजना (अर्बन) (सीएम-ग्रिड्स) के तहत 800 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इन सड़कों में यूटिलिटी डक्ट, फुटपाथ, हरित क्षेत्र, सौर आधारित स्ट्रीट लाइट, बस स्टॉप, ईवी चार्जिंग स्टेशन आदि रहेंगे। सड़कों के आस-पास सौंदर्यीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश के कई शहरों में बारिश व बाढ़ के कारण जलभराव हो जाता है। इनमें ड्रेनेज ठीक न होने के कारण बड़ी समस्या हो जाती है। इससे बचाने के लिए सरकार एक हजार करोड़ रुपये की ड्रेनेज की बड़ी योजना लाई है।
नगरीय सेवाएं एवं अवस्थापना विकास के लिए भी सरकार ने अलग से 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित मलिन बस्ती विकास योजना के लिए सरकार ने इस बजट में 675 करोड़ रुपये दिए हैं। पिछले बजट की तुलना में यह दोगुणा है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को योगी सरकार ने 7158.67 करोड़ रुपये का बजट दिया है। पिछले वर्ष आवास विभाग का बजट 6978.58 करोड़ रुपये था। इस बार भी सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण एवं नए शहर प्रोत्साहन योजना में तीन हजार करोड़ रुपये की बड़ी रकम दी है। इससे हाल ही में गांव से शहरों में शामिल होने वाले नगरों में मूलभूत सुविधाएं विकसित की जा सकेंगी। कानपुर व आगरा मेट्रो के लिए सरकार ने अपने अंश के रूप में 741 करोड़ रुपये दिए हैं। कानपुर मेट्रो को 395 करोड़ व आगरा मेट्रो को 346 करोड़ दिए जाएंगे। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में प्रदेश सरकार ने अपने अंश के रूप में 914 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। सरकार ने वाराणसी सहित अन्य शहरों में रोपवे के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है। लखनऊ विकास क्षेत्र सहित सभी विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास भी इसी से कराया जाएगा।