नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा के किसान काफी समय से धरने पर बैठे हुए हैं। जिले के लगभग 150 गांवों के किसान अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं। नोएडा के 81 गांव के किसान 11 दिसंबर से सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण दफ्तर के बाहर, सेक्टर-24 स्थित एनटीपीसी कार्यालय पर 18 दिसम्बर 2023 और एनटीपीसी दादरी के बाहर पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से 24 गांव के किसान अपनी आवाज प्रदेश और केंद्र सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार की दोपहर गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों के सीईओ, डीएम और पुलिस कमिश्नर के साथ बैठक हुई है। जानिए किन मुद्दों पर धरनारत किसानों की बात बनी है।
किसानों का बढ़ा हुआ मुआवजा, स्थानीय लोगों का रोजगार, 10 प्रतिशत प्लाट और आबादी की समस्या के पूर्ण निस्तारण की मांग इस बैठक में कही गई। जो तीनों प्राधिकरण से प्रस्ताव पास हो चुका है। अब केवल शासन स्तर पर अनुमोदन के लिए लंबित है। नए कानून को लागू करने का प्राधिकरण से प्रस्ताव पास होना, नोएडा प्राधिकरण से 450 वर्ग मीटर की जगह 1000 वर्ग मीटर तक आबादी छोड़े जाने के नियमावली में संशोधन प्राधिकरण बोर्ड से प्रस्ताव पास होकर शासन स्तर पर लंबित है। अन्य शासन स्तर के सभी मुद्दों पर 18 फरवरी तक शासन से हाई पावर कमेटी के गठन का अधिकारियों ने आश्वासन दिया है।किसानों का कहना है कि हमारी मांगों के पूरा होने तक हर जगह धरना-प्रदर्शन चलते रहेंगे। प्राधिकरण स्तर के मुद्दों पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा के किसान अपने-अपने मुख्य कार्यपालिका अधिकारी के साथ वार्ता कर उनका हल निकालेंगे। मंगलवार को बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से मनोज प्रधान, संयोजक वीर सिंह नागर, महासचिव जगदीश नंबरदार, सुरेंद्र भाटी, पप्पू ठेकेदार, निशांत रावल, सुशील, सुनील फौजी, राजू पलला, सुखबीर खलीफा, उदल यादव, रंगलाल भाटी, दुष्यंत सेन, विकास गुर्जर, प्रशांत भाटी, यतेंद्र मैनेजर, निरंकार प्रधान, गौरव यादव, महेश प्रजापति एवं अन्य दर्जनों लोग उपस्थित रहे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरना स्थल पर रात-दिन के धरने का 15वां दिन रहा धरने पर उपस्थित सैकड़ों लोगों ने प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। धरने को संबोधित करते हुए वीर सिंह नेता ने कहा कि लड़ाई आरपार की है। जीत कर ही दम लेंगे।