श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो)। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मेडिकल कॉलेज के समस्त विभागों के विभागाध्यक्षकों की बैठक लेते हुए अस्पताल की चिकित्सा सेवा की समीक्षा की। जिसमें ओपीडी, आयुष्मान, फैकल्टी, कर्मचारियों सहित एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के संदर्भ में जानकारी ली। यहीं नहीं बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने आदेशों का पालन 15 दिनों के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये और कहा कि 15 दिनों में हर कार्य की प्रगति की समीक्षा होगी।
मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ आयोजित बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि वह मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स (एनएबीएच) संस्थान बनाकर वर्ष 2026 तक देश के टॉप 50 कॉलेजों की श्रेणी में लाने के लिए संकल्पित है। इसके लिए लगातार मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की तैनाती, चिकित्सा उपकरण, हाईटेक लैब से लेकर क्वालिटी कन्ट्रोल सहित कई जरूरी कार्य सतत जारी है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के समस्त फैकल्टी, एमबीबीएस छात्रों के लिए शत-प्रतिशत आवास बनाने के लिए कॉलेज प्रशासन को जल्द शासन में प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बेस चिकित्सालय में नियमित कर्मचारियों की भर्ती कराने के लिए विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बेस चिकित्सालय में 80 प्रतिशत पैरामेडिकल स्टॉफ भरा जायेगा और 350 नर्सिंग अधिकारी जल्द दिये जायेगे। उन्होंने एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के लिए खेल-कूद की सामाग्री के साथ मैदान तैयार करने तथा पुस्तकालय में बेहतर पुस्तकें रखने सहित सभी जरूरतों को पूरा करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार रखने तथा मरीजों से संबंधी उपचार, दवा, जांच में कोई दिक्कतें वार्डो में ना हो इसके लिए विभागाध्यक्ष जिम्मेदारी तय कर ले। साथ ही उन्होंने मेडिकल कॉलेज के विकास कार्यो के दिया गया बजट 90 दिनों के भीतर खर्च करने के निर्देश दिये और साथ ही मेडिकल कॉलेज संबंधी कोई भी मांग हो इसका प्रस्ताव भी जल्द बनाकर भेजा जाए। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में मशीनों, सफाई, लैब सहित अन्य क्रय-विक्रय संबंधी कार्यो क साथ-साथ चिकित्सको व कर्मियो को आचरण नियमावली का पाठ पढाने के लिए वित्त नियंत्रक प्रवीन बडोनी को विशेष निर्देश दिये। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह, ईएनटी विभागाध्यक्ष एवं अपर निदेशक डॉ. रविन्द्र बिष्ट, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केएस बुटोला, नेत्र रोग विभागध्यक्ष डॉ. युशूफ रिजवी, डॉ. गजाला रिजवी, डॉ. विनीता रावत, डा. निरंजन गुंजन, डॉ. दयाकृष्ण टम्टा, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. वरूण सहित तमाम फैकल्टी मौजूद थे।