नई दिल्ली। दिल्ली की 6 सरकारी स्कूलों के लिए भुगतान अब तक नहीं हुआ है। इसके दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने 6 सरकारी स्कूलों को फंड जारी करने में हो रही देरी पर मुख्य सचिव को फटकार लगाई आतिशी ने उन्हें 6 मार्च तक फंड जारी करने के निर्देश दिए है। फंड में हो रही देरी पर हाईकोर्ट की नाराजगी का हवाला देते हुए मुख्य सचिव को चेतावनी दी कि अब कोई भी देरी कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी। शिक्षा मंत्री ने मांग की है कि दिल्ली हाईकोर्ट की अगली सुनवाई से पहले लोक निर्माण विभाग को धनराशि दे दी जाए।
छह सरकारी स्कूलों की फंड की फाइल शिक्षा और वित्त विभाग के बीच घूम रही है। जबकि हाईकोर्ट फंड जारी करने में हो रही देरी पर अपनी नाराजगी जता चुका है। शिक्षा मंत्री ने दिल्ली के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी और वित्त विभाग अगले चार दिनों के लिए 24 घंटे काम करें, ताकि पैसों का भुगतान 6 मार्च तक किया जा सके। इससे पहले मामले को सुलझाने के लिए मुख्य सचिव ने चार सप्ताह का समय मांगा था। इस पर नाराजगी जताते हुए आतिशी ने कहा है कि अतिरिक्त समय मांगना सही नहीं है। मुख्य सचिव को लिखे नोट में आतिशी ने पैसे का भुगतान करने के लिए समय सीमा तय करते हुए कहा है कि यह सुनिश्चित करना मुख्य सचिव की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि समय का पालन किया जाए। इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 6 मार्च को होनी है। सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले एक ग्रुप ने नवंबर 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर छह नवनिर्मित स्कूल भवनों का कब्जा सौंपने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने दिल्ली सरकार को यह भी निर्देश देने की मांग की है कि वह लोक निर्माण विभाग को 166.20953 लाख के भुगतान को मंजूरी दे, जिससे कि 6 नवनिर्मित स्कूल भवनों का हस्तांतरण और कब्जा पूरा हो सके। मुकुंदपुर का गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बख्तावरपुर का गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लांसर रोड का सर्वोदय विद्यालय, रानी बाग का गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रोहिणी सेक्टर-7 का को-एड सर्वोदय विद्यालय और पंजाब खोड़ का गवर्नमेंट मिडिल स्कूल शामिल हैं। इन 6 सरकारी स्कूलों में कुल 458 कक्षाएं और 22 शौचालय बनाए जाने हैं।