शिमला। राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2500 एसएमसी व 1300 कंप्यूटर शिक्षकों के नियमतिकरण को लेकर सचिवालय में तीन घंटे तक मंथन हुआ। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडल उप समिति की पहली बैठक आयोजित हुई। बैठक में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद रहें। सचिव शिक्षा राकेश कंवर ने शिक्षकों के लिए बनी नीतियों व कानूनी प्रारूप के बारे में अवगत करवाया। बैठक में 4 विकल्प तैयार किए गए हैं। इनमें पहले विकल्प के तहत इनका मानदेय बढ़ा कर इन्हें नियमित शिक्षकों की तर्ज पर अन्य छुट्टियां देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कानूनी पहलुओं पर भी विचार किया जाएगा। एसएमसी शिक्षकों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने भी पूर्व में आदेश पारित किए हैं, इसलिए सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी। शिक्षकों को न हटाने, इन्हें अन्य तरह के वित्तीय लाभ देने जैसे विकल्पों पर चर्चा की गई। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि एसएमसी व कंप्यूटर शिक्षक पिछले काफी सालों से स्कूलों में पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। दूर दराज क्षेत्रों के स्कूलों में इनकी तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इनकी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए उप समिति गठित की है।
बैठक में चार विकल्पों पर चर्चा की गई है। कैबिनेट के समक्ष यह विकल्प रखे जाएंगे। कैबिनेट ही अंतिम फैंसला लेगी कि आगामी क्या निर्णय लेना है। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास इनके नियमितिकरण का रहेगा। इसके लिए कानूनी पहलू क्या है इस पर भी विचार किया जा रहा है। एसएमसी शिक्षक संघ के प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि पिछले कई सालों से शिक्षक स्थायी पॉलिसी की मांग कर रहे हैं। हर बार उन्हें झूठे आश्वासन ही मिलते हैं। सब कमेटी में क्या हुआ इसकी उन्हें कोई जानकारी सरकार की तरफ से नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि वीरवार से स्कूलों में शिक्षक पैन डाउन स्ट्राइक करेंगे। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रहेगा। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि भगवान राम पर सभी की आस्था है। राम सबके हैं। कांग्रेस पार्टी विकास के नाम पर चुनाव लड़ने पर विश्वास रखती है।