विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो) उत्तराखंड राजनीति विज्ञान परिषद , भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद एवं यूजीसी -मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण (यूजीसी – एमएमटीटीसी) केंद्र कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के संयुक्त तत्वावधान में 24 एवं 25 दिसंबर से ‘भारतीय पारंपरिक ज्ञान और चिंतन: राजनीतिक पारिस्थितिकी दृष्टिकोण’ पर दो दिवसीय नेशनल कान्फ्रेन्स का नैनीताल में आयोजन होने जा रहा है।
गौरतलब है कि भारतीय ज्ञान प्रणाली ( IKS) भारत की पारंपरिक और समृद्ध ज्ञान परंपरा का अध्ययन, संरक्षण और प्रचार-प्रसार करने का एक प्रयास है। यह भारत के प्राचीन विज्ञान, कला, संस्कृति, चिकित्सा, दर्शन, गणित, खगोलशास्त्र, भाषा और अन्य क्षेत्रों में मौजूद ज्ञान को समझने और आधुनिक विज्ञान व तकनीकी के साथ जोड़ने का कार्य करता है। भारत सरकार ने IKS को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थान और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शिक्षा प्रणाली में शामिल करना। इसके अलावा, AICTE ने IKS डिवीजन की स्थापना की है, जो अनुसंधान और पाठ्यक्रम विकास पर कार्य करता है।
इस दो दिवसीय नेशनल कान्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में डा धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखंड सरकार होंगे जबकि चेयरपर्सन प्रो दीवान रावत, कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल रहेंगे।
उत्तराखंड राजनीति विज्ञान परिषद के अध्यक्ष प्रो एम एम सेमवाल ने बताया कि इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में गेस्ट ऑफ ऑनर्स प्रो मनोज दीक्षित, कुलपति महाराजा गंगा सिंह विश्विद्यालय बीकानेर, राजस्थान, भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद के अध्यक्ष,, प्रो के एन जेना, कुलपति स्पर्श हिमालय विश्विद्यालय देहरादून तथा प्रो संजीव कुमार शर्मा , पूर्व कुलपति महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी बिहार, इप्सा के जनरल सेक्रेटरी रहेंगे।
प्रो दिव्या जोशी निदेशक यूजीसी – एमएमटीटीसी कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 100 से अधिक प्राध्यापक, शोधार्थी तथा 42 रिफ्रेशर कोर्स के प्रतिभागी भाग लेंगे। कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉक्टर रितेश शाह ने बताया कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में प्लैनरी सैशन के अलावा पांच पैरलर सैशन भी चलेंगे। कॉन्फ्रेंस में चयनित शोध पत्रों का प्रकाशन भी किया जाएगा।