विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो) डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र (डीएसीई) हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय तथा देव भूमि विचार मंच (प्रज्ञा प्रवाह) के संयुक्त तत्वाधान में 15 नवंबर को “जनजातीय गौरव दिवस” कार्यक्रम का ऑनलाइन माध्यम से आयोजन किया गया। डॉ. आशीष बहुगुणा द्वारा सभी अतिथियों, ऑनलाइन प्रतिभागियों का स्वागत किया गया तथा कार्यक्रम की प्रस्तावना साझा की गई।
उक्त कार्यक्रम में जनजातियों के विषय में व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। स्वागत भाषण में डॉ अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र के समन्वयक प्रो एम एम सेमवाल जी ने जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम के अवसर पर जनजातीय समाज के महानायक भगवान बिरसा मुंडा जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
प्रो. सेमवाल ने उत्तराखंड में पाई जाने वाली विभिन्न जनजातियों जौनसारी, भोटिया, थारू, बुक्सा एवम राजी के बारे में विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के वरिष्ठ अध्येता श्री महेंद्र पांडे ने दिमासा काचरी जनजाति के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जनजातियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं एवं भ्रांतियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। अपने वक्तव्य में महेंद्र पांडे ने प्राचीन भारत के आरण्यक समाज, ग्राम्य समाज एवं नागर समाज के बारे में भी चर्चा की और जनजातियों सम्बन्धित यूरोप केंद्रित समझ पर भी अपना पक्ष रखा।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों द्वारा वक्ताओं से जनजाति तथा भारतीय संस्कृति से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे गए।
कार्यक्रम के अंत में प्रो. सेमवाल ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। ऑनलाइन कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा संस्थानों से 100 से अधिक प्रतिभागी शिक्षक एवं छात्र छात्राएं जुड़े। डॉ. आशीष बहुगुणा द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।