
विजय बहुगुणा
पौड़ी गढ़वाल(ब्यूरो) । जिलाधिकारी के निर्देशन पर विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जिला परिवीक्षा अधिकारी अरविंद कुमार की अगुवाई में पौड़ी नगर में बाल श्रम उन्मूलन हेतु एक व्यापक जन-जागरुकता अभियान संचालित किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में बाल श्रम के विरुद्ध चेतना फैलाना तथा बच्चों के अधिकारों की रक्षा के प्रति आमजन को जागरूक करना रहा।
परिवीक्षा अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि अभियान के अंतर्गत नगर के प्रमुख क्षेत्रों यथा स्टेशन, एजेंसी चौक, धारा रोड़ एवं लोअर बाजार में जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इसके साथ ही विभिन्न प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर दुकानों, होटलों, वर्कशॉप एवं अन्य व्यावसायिक स्थलों पर कार्यरत किशोरों की पहचान की गयी। इस दौरान संबंधित व्यक्तियों को बाल श्रम निषेध अधिनियम, 1986 (संशोधित 2016) के प्रावधानों की जानकारी दी गयी एवं उन्हें इस कानून का कड़ाई से पालन करने हेतु कहा गया।
अभियान के दौरान चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जानकारी साझा करते हुए बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति में इस नंबर पर तत्काल संपर्क कर सहायता प्राप्त की जा सकती है। कार्यस्थलों पर पाये गये संदिग्ध किशोरों के चिकित्सकीय परीक्षण की अनुशंसा की गयी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे कानून की दृष्टि में बाल श्रमिक की श्रेणी में आते हैं या नहीं। इस प्रक्रिया में जिन प्रतिष्ठानों में दो संभावित किशोर कार्यरत पाये गये, उन्हें कानूनी चेतावनी जारी करते हुए बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन न करने हेतु सख़्त हिदायत दी गयी।
इस अभियान में बाल कल्याण समिति (CWC), जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU) व चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहभागिता निभायी। बाल कल्याण समिति से गंगोत्री नेगी, सुनीता भट्ट एवं सूता लाल, जिला बाल संरक्षण इकाई से प्रज्ञा नैथानी, निखिल डेविड एवं ओमप्रकाश थपलियाल के अलावा चाइल्ड हेल्पलाइन से शकुंतला नयाल एवं धर्मेंद्र शामिल रहे।
इस अभियान के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि बाल श्रम एक गंभीर सामाजिक एवं नैतिक अपराध है, जो बच्चों के बचपन, शिक्षा तथा समग्र विकास को बाधित करता है। इसकी रोकथाम केवल प्रशासनिक उत्तरदायित्व नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का नैतिक एवं सामाजिक दायित्व भी है। यह जन-जागरूकता अभियान बाल श्रम के उन्मूलन की दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध हुआ, जिसमें विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी और जनसहयोग उल्लेखनीय रही। जिला परिवीक्षा अधिकारी ने बताया कि भविष्य के लिये इस प्रकार के अभियान नियमित रूप से संचालित किये जाने की योजना बनायी जा रही है, ताकि समाज के हर वर्ग तक बच्चों के अधिकारों का संदेश प्रभावी रूप से पहुँचाया जा सके।