विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो) । गढ़वाल विश्वविद्यालय के स्वामी मंथन ऑडिटोरियम हॉल चौरास मे अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम की थीम ‘युवा एवं सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण : विकसित भारत @2047’ का परिचय कराया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में समाजशास्त्र एवं सामाजिक कार्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ. नरिंदर सिंह ने कार्यक्रम की थीम ‘युवा एवं सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण : विकसित भारत @2047’ का परिचय कराया। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के विचारों पर प्रकाश डालते हुए अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस के महत्व को रेखांकित किया। इसके उपरान्त धाराली में आई भीषण बाढ़ के पीड़ितों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया।
इसके पश्चात् उत्तराखण्ड के मा. शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। इस अवसर पर मा. कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह, हे.ना. बु. ग.वि. प्रो. अभिषेक टंडन एवं प्रो. समीर आनंद, दिल्ली विश्वविद्यालय तथा डॉ. राकेश नेगी, नोडल अधिकारी, विकसित भारत युवा कनेक्ट कार्यक्रम, हे.ना. बु. ग.वि. की गरिमामयी उपस्थिति रही।
उद्घाटन भाषण डॉ. राकेश नेगी द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसके उपरान्त सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। प्रो. ओ. पी. गुसाईं, डीन, छात्र कल्याण ने सभी उपस्थितजनों का हार्दिक स्वागत किया।
कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि प्रो. समीर आनंद ने विकसित भारत @2047 के संदर्भ में डेटा क्रांति की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए “तीन C” – • जिज्ञासा, करुणा एवं साहस पर बल दिया। इसके पश्चात् प्रो. अभिषेक टंडन का मुख्य वक्तव्य हुआ, जिसमें उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप सुदृढ़ स्टार्ट-अप पारितंत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन में कमी हेतु उपाय सुझाए तथा दिल्ली विश्वविद्यालय की श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों को हे. ना. बु. ग.वि. में अपनाने का प्रस्ताव रखा।
मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत ने प्रभावशाली एवं प्रेरणादायी संबोधन दिया। उन्होंने धाराली त्रासदी पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उच्च शिक्षा संस्थानों में बढ़ती नशे की लत एवं मोबाइल फोन की लत पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कौशल आधारित शिक्षा को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों से जोड़ने तथा सकल नामांकन अनुपात (GER) को वर्ष 2035 तक 35% तक पहुँचाने पर बल दिया। डॉ. रावत ने विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार हेतु पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया, विद्यार्थियों की नीतिगत निर्णयों में भागीदारी पर जोर दिया तथा उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के अनुरूप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
माननीय कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए “मेक इन इंडिया’ की बजाय “मेक इंडिया” का आह्वान किया। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर माननीय प्रधानमंत्री का निर्धारित संदेश अवश्य देखने का आग्रह किया और भारतीय समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप मूल्य-आधारित शिक्षा के महत्व पर बल दिया।
इसके पश्चात् सभी प्रतिभागियों ने नशामुक्त रहने की प्रतिज्ञा ली । औपचारिक कार्यवाही का समापन प्रो. आर. एस. नेगी, निदेशक, चौरास परिसर द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें उन्होंने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, मुख्य वक्ताओं, आयोजन समिति के सदस्यों एवं परोक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी गैर-शिक्षण कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से आयोजन टीम के सदस्यों-
प्रो. ओ. पी. गुसाईं, डीन, छात्र कल्याण; डॉ. राकेश नेगी, नोडल अधिकारी; डॉ. नरिंदर सिंह चौहान, सहायक आचार्य, समाजशास्त्र एवं सामाजिक कार्य विभाग लूसी कुमारी, सुलक्षणा शर्मा, नेहा, अपराजिता, रितिक, अमित एवं नलिनी – के योगदान की सराहना की, जिनके प्रयासों से यह कार्यक्रम सफल हुआ। अंत में उन्होंने उन सभी गैर-शिक्षण कर्मचारियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कीं।