विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल (ब्यूरो)। प्रदेश के महामहिम राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन व चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश तथा कुलपति के समन्वय के दृष्टिगत ‘भारत रत्न’ और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बेस चिकित्सालय के नेत्र विभाग में सात दिवसीय नि:शुल्क नेत्र शिविर शुरु हुआ।
जिसमें विभिन्न स्थानों से आये 153 से अधिक मरीजों ने अपनी आंखों की जांच कराई और नि:शुल्क दवा के साथ नि:शुल्क चश्मे लिये। क्रिसमस डे की छुट्टी होने के बावजूद पहले दिन ही 153 से अधिक मरीज पहुंचे, 31 दिसम्बर तक चलने वाले इस कैंप में पहुंचकर नेत्र रोग के मरीज अपने आखों की निशुल्क जांच और परामर्श ले सकते है।
’आंखें है अनमोल’ थीम पर लगे नेत्र शिविर के तहत बुधवार को बेस चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग के एचओडी प्रो. युसूफ रिजवी के नेतृत्व में नेत्र शिविर का आयोजन हुआ। डॉ. रिजवी ने बताया कि पहले दिन कैंप में पहुंचे 153 से अधिक मरीजों पहुंचे, जिसमे से 10 मरीजों का मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया। जबकि 42 लोगों का ग्लूकोमा परीक्षण तथा 15 लोगों की रेटिना का जाच तथा 22 स्कूली बच्चों की जांच में 2 बच्चों में भैंगापन के लक्षण पाये गये। कहा कि शिविर में 24 लोगों को नि:शुल्क चश्मे प्रदान किये गये। जबकि आंखों से संबंधी दिक्कत पर लोगों को मौके पर नि:शुल्क दवाईयां भी वितरित की गई। प्रो. युसूफ रिजवी ने बताया कि बेस अस्पताल में लगने वाले इस कैंप की खायियत यह रहेगी कि जो भी मरीज यहां कैंप के जरिए इलाज करायेगा उसका विभाग लगातार फॉलोअप करता रहेगा। दूर-दराज के मरीजों का टेलीमेडिसन के जरिए फॉलोअप किया जायेगा। जबकि इस कैम्प के तीन माह बाद भी फिर से बेस अस्पताल में कैंप भी लगाया जायेगा। प्रो. रिजवी ने बताया कि कैंप का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि आंख की सर्जरी की गुणवत्ता पर ध्यान देना है। कहा कि कई कैंपों में गुणवत्तापरक सर्जरी ना होना भी अंधता को बढ़ा रहा है, जो कि एक चिंता का विषय है।
बेस अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन की गुणवत्ता पर विशेष फोकस है। यहीं नहीं गुणवत्ता का लेंस भी लगाया जा रहा है। कहा कि 31 दिसम्बर तक कैंप निरंतर जारी रहेगा। आंखों के इलाज, जांच, परामर्श हेतु लोग आ सकते है। कैंप में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निहित परिमल, डॉ. जिज्ञासा, डॉ. रंकन, डॉ. निकिता, डॉ. गरिमा, डॉ. स्वीटी, टैक्नीशियन जितेन्द्र सिंह, स्वीकृति गैरोला आदि द्वारा सहयोग दिया जा रहा है। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने कहा कि लोगों को कैंप की जानकारी आम लोग तक पहुंचे इसके लिए प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया है। कैंप में आने वाले लोगों को सभी प्रकार की सेवाएं नि:शुल्क दी जा रही है।