देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र गैरसैंण में न कराने से नाराज आम आदमी पार्टी नेता रविंद्र आनंद अर्धनग्न (कपड़े उतारकर) विधानसभा गेट के सामने प्रदर्शन करने लगे और सरकार पर गैरसैंण सहित अन्य पर्वतीय जिलों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। नेता रविंद्र आनंद कहा कि विधानसभा सत्र गैरसैंण में न कराए जाने के लिए विधायकों और मंत्रियों ने ठंड का बहाना बनाया। इसको देखते हुए उन्हें आज अर्धनग्न होकर यह संदेश देना पड़ रहा है कि पहाड़ के लोगों को ठंड से नहीं डरना चाहिए।
यदि विधायक और मंत्री ठंड का बहाना बनाकर पहाड़ नहीं चढ़ेंगे तो पलायन को किस तरह से रोका जा सकेगा। जनप्रतिनिधि ही पहाड़ों पर जाने से कतरा रहे हैं तो जनता की समस्याओं का समाधान किस तरह से किया जाएगा। सभी जनप्रतिनिधियों ने देहरादून में ही अपने आवास बना लिए हैं और उनके बच्चे भी देहरादून में ही शिक्षा ले रहे हैं। यहां तक कि शादी-विवाह के आयोजन भी देहरादून में ही किए जा रहे हैं। इससे पहाड़ों की पूरी तरह से अनदेखी हो रही है। उत्तराखंड बनाने का एकमात्र उद्देश्य पहाड़ का विकास करना था, लेकिन यह विकास सिर्फ देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे मैदानी इलाकों तक ही सीमित रह गया है। अधिकांश गांवों के घरों में ताले लटके हुए हैं और लोग देहरादून या अन्य मैदानी जनपदों में रोजगार के लिए पलायन कर चुके हैं।’उत्तराखंड बचाओ गैरसैंण जाओ’ का नारा लगाते हुए जब रविंद्र आनंद ने आइसक्रीम खानी शुरू की तो पुलिस बल भी हक्का-बक्का रह गया। अर्धनग्न प्रदर्शन को देखते हुए पुलिसकर्मियों ने रविंद्र आनंद को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां से बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
उत्तराखंड में बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में कराने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कवायद शुरू की थी। पूर्व में बजट सत्र गैरसैंण आहूत भी किया गया, लेकिन इस बार अधिकांश विधायक गैरसैंण में सत्र कराने के पक्ष में नहीं थे। अधिकांश विधायकों ने गैरसैंण में ठंड अधिक होने, पुलिसकर्मियों सहित अन्य लोगों के लिए इस ठंड में कार्य करने और उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने का हवाला देते हुए सत्र देहरादून में ही कराए जाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। कांग्रेस विधायक भी सत्र देहरादून में ही कराए जाने के पक्षधर थे। कुछ विधायकों ने गैरसैंण में सत्र कराने की बात कही थी, लेकिन कोई खास जोर नहीं दिया।