विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल। बैकुंठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी की पहली रात्रीकालीन सांस्कृतिक संध्या पद्मश्री एवं लोक गायक डा. प्रीतम भरतवाण और लोक गायिका सीमा पंगरियाल व साथी कलाकारों के लोकगीत, लोकनृत्य व भजनों की प्रस्तुति शानदार रही। हजारों की तादाद में कार्यक्रम में पहुंचे स्रोताओं ने कार्यक्रमों का खूब लुत्फ उठाया।
गुरुवार को कमलेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित मैदान में भजन संध्या का कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बैकुंठ चतुर्दशी मेले से हर किसी की आस्था जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि मेले को भव्य एवं दिव्य बनाया गया है। उन्होंने सभी लोगों से मेले में 7 दिन तक चलने वाले कार्यक्रमों का आनंद उठाने व सहयोग देने की अपील की। मौके पर जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने रूमझुमा, रुमझुमा वाली संध्या जूं.., नारैणी ज्वाला दुर्गा रे भवानी…, समौद्र मां…, मोरी रख्यां खोली…के साथ ही मोहना तेरी मुरली बाजे…, खिमशायणी हाट… आदि गानों व जागरों की प्रस्तुति से दर्शकों का खूब मनोरंजन हुआ। लोक गायिका सीमा पंगरियाल और उदयमान लोक गायिका वसुधा गौतम ने हे भिना…सहित आदि लोकगीत की बेहतरीन प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कार्यक्रम में ढोलक पर सुरेंद्र, कीबोर्ड पर सुरेंद्र कोहली, बांसुरी पर कुंदन, तबले पर जयेंद्र गुसांई, पैड़ पर गोविंद सरण, हुडके पर विजेंद्र जसवाल, अर्जुन ने संगत दी। मंच का संचालन बबिता थपलियाल ने किया। मौके पर उपजिलाधिकारी नुपूर वर्मा, तहसीलदार धीरज राणा, सहायक नगर आयुक्त रविराज बंगारी, जितेन्द्र धिरवांण, वासुदेव कंडारी, गिरीश पैन्यूली सहित आदि मौजूद थे।