
विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो)। विद्यालयी छात्र-छात्राओं को नवाचार एवं उद्यमिता की जानकारी देने तथा उन्हे उसके लिए प्रेरित करने के लिए अटल टिंकरिंग लैब के अंतर्गत एक स्कूल आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के इंस्टीटिउशन इनोवेशन काउंसिल (आई. आई. सी.) द्वारा, टिहरी चौरास स्थित रैनबो पब्लिक स्कूल मे किया गया।
प्रोग्राम का आरंभ आई. आई. सी. के प्रेसिडेंट डॉ राम साहू द्वारा विद्यार्थियों को नवाचार, अटल टिंकरिंग लैब तथा उद्यमिता के बारे में आधारभूत जानकारी देकर किया। डॉ साहू ने बताया कि किस तरह से भारत सरकार की विद्यालय अटल टिंकरिंग लैब योजना से जुड़कर विद्यार्थियों के नवाचारो को सबके सामने लाकर उन्हे प्रोत्साहित कर सकते हैं। कार्यक्रम के पहले वक्ता विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जैविकी विभाग के डॉ विनीत कुमार मौर्य ने विद्यार्थियों को सूक्ष्म जैविकी की आधारभूत जानकारी देते हुए उन विभिन्न क्षेत्रों के बारे मे बताया जहां जहां सूक्ष्म्जैविकी की आवश्यकता होती है। डॉ मौर्य ने बताया की हिमालयी क्षेत्र में सूक्ष्म जैविकी को लेकर नवाचार की बहुत संभावनाएँ हैं। विद्यार्थी अपने स्तर पर जैविकी खाद का निर्माण, मशरूम उत्पादन, पेय पदार्थो, फलो के जूस, बुरांश जूस, बड़ियाँ, दही छाछ आदि का उत्पादन करके अपने लिए उद्यम बना सकते हैं।‘ इसके अतिरिक्त हिमालय में मिलने वाले औषधीय पादपों पर आधारित नवाचार, केले, भांग, भीमल आदि के रेशों से विभिन्न वस्तुएँ बना सकते हैं और स्व रोजगार कर सकते हैं।‘ यहा पर मेडिकल डाइग्नोस्टिक लैब खोलकर भी अपना कार्य करने की बहुत संभावनाएँ हैं।‘ परंतु इन सभी मे काम करने क लिए सूक्ष्म्जैविकी का आधारभूत ज्ञान होना आवश्यक है क्यूंकी इन सभी क्षेत्रों मे संक्रमण से बचना एक प्राथमिक जरूरत है जिसके लिए सूक्ष्म जैविकी की तकनीकों की जानकारी आवश्यक है।
कार्यक्रम क दूसरे वक्ता विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के डॉ भास्करन ने विद्यार्थियो को बौद्धिक सम्पदा अधिकार, पैटंट, कॉपीराइट आदि की जानकारी देकर बताया कि एक आइडिया (विचार) कितना कीमती होता है। उन्होने विद्यार्थियों की मांग पर उन्हे पैटंट प्रक्रिया की जानकारी तथा उससे विभिन्न प्रकार तथा उनसे होने वाले आर्थिक लाभों क बारे मे विस्तार से बताया। डॉ भास्करन ने बताया कि भारत के लोगों मे बहुत प्रकार के नावाचारों की क्षमता है जिसकी वजह से यहाँ बौद्धिक सम्पदा अधिकार, पैटंट, कॉपीराइट आदि के क्षेत्र मे बहुत संभावनाएँ हैं। इन सब बातों की वजह से भारत अब पैटंट में विश्व के शीर्ष देशों मे होने लगी है।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबन्धक श्री रिद्धीश उनियाल ने विद्यार्थियों को अपने नवाचार एवं उद्यमिता से संबन्धित विचारो को विद्यालय स्तर पर प्रदर्शित करके उन्हे विश्वविद्यालय की सहायता से अखिल भारतीय स्तर तक ले जाने को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के आयोजन, संचालन एवं सफल बनाने के लिए आई. आई. सी. ने विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ रेखा उनियाल जी का धन्यवाद किया तथा विद्यालय के सभी शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की सराहना की।