विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो) । राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड द्वारा भारत सरकार एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहांस), बेंगलुरु के सहयोग से श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में आयोजित पाँच दिवसीय मनोसामाजिक सहायता प्रशिक्षण कार्यशाला का शुक्रवार को सफल समापन हुआ।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो डॉ. आशुतोष सयाना ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर शुभकामनाएँ दीं। कहा कि प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के सतत प्रयासों का नतीजा है कि स्वास्थ्य कर्मी राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला से प्रशिक्षण लेकर दक्ष बन रहे हैं।
समापन समारोह पर प्राचार्य डॉ. सयाना ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में “मिलर्स पिरामिड” का विशेष महत्व है, जिसमें चार स्तर होते हैं — ज्ञान (Knows), कैसे करना (Knows How), दिखाना (Shows How) और वास्तव में करना (Does)। यही चार स्तर किसी भी प्रशिक्षण की नींव हैं।
उन्होंने कहा कि पाँच दिनों तक चले इस प्रशिक्षण में डॉक्टरों और काउंसलरों ने जो अनुभव और ज्ञान प्राप्त किया है, वह भविष्य में उनके कार्यक्षेत्र में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा, “हमारी जागरूक जनता और संवेदनशील स्वास्थ्यकर्मी ही प्रदेश की सबसे बड़ी शक्ति हैं। ऐसी प्रशिक्षण कार्यशालाएँ किसी भी आपदा के समय प्रदेश की चिंता और जनता की चिंता को कम करने में मील का पत्थर साबित होंगी। प्राचार्य ने बताया कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को राज्य स्तर पर एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहाँ स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण नियमित रूप से कराया जाएगा। इसका उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों को हर क्षेत्र में निपुण और आपदा-प्रबंधन सक्षम बनाना है।
निमहांस विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव
निमहांस, बेंगलुरु से आए विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार मणिकप्पा (एसोसिएट प्रोफेसर), डॉ. के. शेखर (परामर्शदाता) और डॉ. अनिल ने आपदा के दौरान एवं बाद में पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभावों और उनके समाधान के व्यावहारिक तरीके सिखाए।
डॉ. संजीव ने प्रशिक्षणार्थियों को जोखिम विश्लेषण, तनाव की पहचान, मनोसामाजिक देखभाल, पारिवारिक जीवन चक्र, महिलाओं एवं बच्चों पर आपदा के प्रभाव जैसे 52 बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया।
अभ्यास, समूह गतिविधियाँ, नाटक, कहानी प्रस्तुति और खेलों के माध्यम से प्रशिक्षण को रोचक और प्रभावशाली बनाया गया।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का सहयोग–
राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड के सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह ने मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण के सफल आयोजन पर प्राचार्य डॉ. सयाना का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यदि कोई प्रशिक्षणार्थी आगे शोध कार्य करना चाहता है, तो उसे मेडिकल कॉलेज का पूरा सहयोग मिलेगा।
डॉ. सिंह ने बताया कि अगला मनोसामाजिक सहायता प्रशिक्षण हल्द्वानी में आयोजित किया जाएगा।
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व्याख्यान, नैतिक शपथ और समर्पण का समापन–
कार्यशाला के दौरान मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. मोहित सैनी ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने नैतिक मूल्यों की शपथ ली। प्रशिक्षण में डॉ. शिवानी, डॉ. बृजू, डॉ. नवीन नेगी, मनमोहन सिंह, डॉ. रिचा, डॉ. अर्पणा, डॉ. अंकिता, डॉ. ब्रुसा, डॉ. भवतोष सेमवाल, डॉ. योगेन्द्र, डॉ. प्रियंका, डा आदित्य, डा अंकित, सीमा, संगीता, कमला, अनुज, मालती, चंपा सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी शामिल रहे।
मुख्य विशेषताएँ
पाँच दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय मनोसामाजिक सहायता प्रशिक्षण
निमहांस, बेंगलुरु के विशेषज्ञों की सहभागिता
52 विषयों पर गहन प्रशिक्षण एवं अभ्यास आधारित गतिविधियाँ
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र बनाने की घोषणा
हल्द्वानी में अगले प्रशिक्षण की तैयारी