
विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो) । चिकित्सा शिक्षा निदेशक एवं प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर डॉ. आशुतोष सयाना ने शुक्रवार को बेस अस्पताल के वार्डो, ओपीडी कक्षों, इमरजेंसी वार्ड का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि वार्डो में तैनात जूनियर डॉक्टर, इंटर्न, नर्सिंग अधिकारी, लैब टैक्नीशियन प्रॉपर ड्रेस में नहीं पाये गये। जिस पर उन्होंने फटकार लगाते हुए चिकित्सा अधीक्षक को प्रॉपर ड्रेस में ना रहने वाले डॉक्टर व कार्मिकों को नोटिस देने के निर्देश दिये। कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
बेस अस्पताल के निरीक्षण के दौरान चिकित्सा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने पाया कि अस्पताल में जगह-जगह टूट-फूट हो रखी। वार्डो के दरवाजों पर जंक लगा है। खिड़कियों के शीशे टूटे हुए है। ओपीडी के बाहर मरीजों को बैठने के लिए लगी बेंच पर खराब है। जिस पर उन्होंने निर्माण कार्य देख रहे क्लर्क के प्रति नाराजगी जताते हुए जल्द ठीक कराने के निर्देश दिये। कहा कि हर बार निरीक्षण के दौरान यह सभी खामियां देखने को मिलती है, जिनको हर दिन राउंड लेकर ठीक कराया जाना चाहिए था, किंतु वह नहीं हो रहा है। ईएनटी ओपीडी के पास टेलीमेडिसिन के पूर्व के ऑफिस में सफाई नहीं थी। जबकि जन औषधि केन्द्र में भी सफाई करने के निर्देश दिये। अस्पताल के विद्युत विभाग देख रहे क्लर्क को भी नोटिस देते हुए एक हफ्ते के भीतर विभागों में लटके बिजली के तारों को ठीक करने, स्पीकर लटके होने, खराब पड़ी एसी, कूलरों को ठीक करने के निर्देश दिये। कहा कि यदि समय रहते ठीक नहीं हुआ तो कार्यवाही की जायेगी। वहीं वार्डो में ब्लड़ सैंपल लेकर मरीज का तीमारदार खुद ले जाने पर उन्होंने संबंधी वार्ड के नर्सिंग अधिकारियों को पूर्व में दिये गये आदेशों का पालन करने के निर्देश दिये। कहा कि भर्ती मरीज व उसका तीमारदार वार्डो से सैंपल नहीं ले जायेगा। ब्लकि वार्ड से कक्ष सेवक के जरिए लैब तक सैंपल पहुंचाया जायेगा। चिकित्सा निदेशक ने कहा कि दो माह से लगातार निरीक्षण के दौरान केवल अभी तक नोटिस देने के साथ ही चेतावनी दी जा रही थी, अब यदि कोई कार्मिक एवं संबंधी रखरखाव या अन्य विभाग अनुशासनहीनता करते हुए देखा गया तो सख्त कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
इमरजेंसी के बाहर बेंच में मरीज लेट होने पर जताई नाराजगी
निरीक्षण के दौरान चिकित्सा निदेशक ने इमरजेंसी वार्ड के बाहर एक मरीज बेंच में धूप में छतरी के सहारे लेटा हुआ था, जब उसे पूछा गया तो उसने अपने आप को मध्य प्रदेश का बताया। उसके साथ मौके पर कोई नहीं था। चिकित्सा निदेशक ने मरीज को इस तरह से इमरजेंसी के बाहर लेटे पर गहरी नाराजगी जताते हुए संबंधी नर्सिंग अधिकारियों एवं डॉक्टरों को मरीज को वार्ड में भर्ती करते हुए ट्रटीमेंट देते हुए उसके भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। कहा कि इस तरह से मरीजों की पहले पुलिस को रिपोर्ट भेजी जाए। जो अकेले यहां इलाज के लिए आते है। चिकित्सा निदेशक के निर्देश पर मरीज को वार्ड में भर्ती कराया गया।
गर्भवती महिलाओं के लिए लिफ्ट की सुविधा-
इमरजेंसी के पास वर्षो से लगी लिफ्ट आखिरकार चिकित्सा निदेशक के निर्देश के बाद संबंधी विभाग खोल पाया है। लिफ्ट खुलने से उक्त लिफ्ट गर्भवती महिलाओं के लिए प्रयोग में लायी जायेगी। जो गायनी विभाग में भर्ती होने आए और चल नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि यह लिफ्ट फिलहाल गर्भवती महिलाओं के प्रयोग में लायी जायेगी।