
रुद्रप्रयाग/श्रीनगर । जनपद रुद्रप्रयाग के बच्छणस्यूं पट्टी स्थित ग्राम पंचायत मरगांव एक बार फिर से भक्तिभाव,लोक-संस्कृति और आस्था के रंगों में रंगने जा रहा है। यहां के प्राचीन नागराज देवता मंदिर में आगामी 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) को भव्य पूजन-अर्चन एवं भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन ग्राम की उस अखंड परंपरा और लोक आस्था का प्रतीक है जो पीढ़ियों से आज तक अडिग और अविरल बहती आ रही है। इस शुभ अवसर पर पूरे गांव में धार्मिक उल्लास का वातावरण व्याप्त है। ग्राम सभा मरगांव की महिला मंगल दल जहां शाम को भक्ति रस से ओत-प्रोत भजन संध्या प्रस्तुत करेगी,वहीं नवयुवक मंगल दल मरगांव के सदस्य आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था और संचालन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। ज्योतिषाचार्य प्रकाश चन्द्र चमोली ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से यह गांव बसा है,तब से नागराज देवता को ग्राम देवता के रूप में पूजा जा रहा है। नागराज देवता केवल आस्था के प्रतीक ही नहीं,बल्कि ग्रामवासियों की रक्षा और सुख-समृद्धि के अधिष्ठाता माने जाते हैं। स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार नागराज देवता के आशीर्वाद से गांव में कभी कोई बड़ा संकट नहीं आया। यही कारण है कि आज भी हर परिवार-हर पीढ़ी इस आराधना में पूरे समर्पण और भावनात्मक जुड़ाव के साथ भाग लेती है। आयोजन समिति के अनुसार कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकालीन पूजन-अर्चन और देव जागरण से होगी। इसके बाद मंदिर शुद्धिकरण,सांस्कृतिक प्रस्तुतियां,सामूहिक हवन और सांध्य भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। भजन संध्या में महिला मंगल दल की सुरीली भक्ति धुनों और लोकगीतों से मंदिर प्रांगण हर-हर नागराज के जयकारों से गूंज उठेगा। ढोल-दमाऊं की थाप,घुगती की तान और लोकधुनों की लय के साथ श्रद्धालु भक्ति में सराबोर होंगे। कार्यक्रम का आयोजन नवयुवक मंगल दल मरगांव के सौजन्य से तथा क्षेत्रीय जनता और प्रवासी ग्रामवासियों के सहयोग से किया जा रहा है। आयोजन समिति ने बताया कि पूजन के उपरांत मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन भी किया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जाएगा। मरगांव का नागराज देवता मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि यह मंदिर न केवल ग्रामवासियों की आस्था का केंद्र है बल्कि सामूहिक एकता,परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। इस बार का आयोजन गांव के लिए केवल धार्मिक नहीं,बल्कि सांस्कृतिक पुनर्मिलन का अवसर भी बनेगा,जब गांव और प्रवास में बसे सभी लोग एक साथ नागराज देवता की शरण में एकत्रित होंगे। भक्ति,लोक-संस्कृति और एकता के इस दिव्य संगम को देखने के लिए मरगांव ग्राम एक बार फिर से श्रद्धा और उल्लास की सुनहरी आभा में नहाने जा रहा है। हर-हर नागराज ग्राम की रक्षा करो,आशीष से मंगल करो।