पौड़ी गढ़वाल। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण के उप जिला अस्पताल में उच्चीकरण होने से क्षेत्र की जनता की मुराद पूरी हो गई है। अब इस स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला अस्पताल के मानकों के अनुसार संसाधनों से लैस किया जाएगा। यहां डॉक्टरों के पदों और बेड की संख्या बढ़ने के साथ ही अन्य ढांचागत सुविधाओं का विकास होगा। सरकार के इस कदम से पौड़ी जिले के दूरस्थ क्षेत्र की लगभग एक लाख की जनसंख्या को लाभ मिलेगा।
मुख्यमत्री पुष्कर धामी ने पूर्व घोषणा के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण को उप जिला अस्पताल के रुप में उच्चीकृत किए जाने की स्वीकृति दी है। सरकार ने अस्पताल भवन के विस्तारीकण के लिए चार करोड़ 39 लाख 49 रुपये का बजट दिया है। थलीसैंण अस्पताल से थलीसैंण, वीरोंखाल, पोखड़ा व पाबौं के आंशिक क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधाएं लेते हैं वर्तमान में यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मानक के अनुसार भवन उपलब्ध है इसके अलावा यहां चिकित्सकों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल के साथ आवास भी है उप जिला अस्पताल का दर्जा मिलने पर भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध होंगी और अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन, पैथोलॉजिस्ट, आकस्मिक चिकित्साधिकारी की नियुक्ति होने के साथी पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढे़गी। स्थानीय निवासियों बतया कि सरकार ने क्षेत्र की बहुत बड़ी समस्या हल की है अब बड़े ऑपरेशन और जांच यहीं हो जाएंगे। साथ ही इमरजेंसी केसों में भी सुधार होगा अस्पताल की मौजूदा स्थिति चिकित्सा अधीक्षक, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, जनरल सर्जन, फिजीशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, निश्चेतक, चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी महिला व फार्मासिस्ट सहित अन्य सवंर्ग के पद उप जिला अस्पताल बनने के बाद की स्थिति चिकित्सा अधीक्षक, फिजीशियन, सर्जन, निश्चेतक, जनरल ड्यूटी मेडिकल अफसर, बाल रोग विशेषज्ञ, पैथोलॉजिस्ट, ज्येष्ठ दंत विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ, महिला चिकित्सा अधिकारी, हड्डी रोग विशेषज्ञ, आकस्मिक चिकित्साधिकारी, चीफ फार्मेसिस्ट सहित अन्य संवर्ग के पद का लाभ यह होगा अस्पताल में इमरजेंसी डॉक्टर, जीडीएमओ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, पैथोलॉजिस्ट, ज्येष्ठ दंत विशेषज्ञ व चीफ फार्मासिस्ट तैनात होंगे। अभी यहां नर्सिंग अधिकारी के पद पांच पद सृजित है। इनकी संख्या लगभग 19 हो जाएगी। वार्ड ब्वाय की संख्या एक से बढ़कर 10 हो जाएगी। इमरजेंसी डॉक्टरों की तैनाती होने से तत्काल मिलेगी आकस्मिक सेवा। बेड की संख्या बढ़ने पर मरीजों को नहीं होगी परेशानी पैथोलॉजिस्ट की तैनाती होने से रक्त संबंधी महत्वपूर्ण जांच, दुर्घटना या हड्डी संबंधी रोगों के उपचार के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ उपलब्ध होगी।