
विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल (ब्यूरो) । प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रयासों से बेस चिकित्सालय में कार्डियो इको और एंडोस्कोपी की सुविधा शुरु करने से गढ़वाल भर के मरीजों को सुविधा मिल रही है। पहले लोगों को उक्त जांचों के लिए दून या ऋषिकेश का सफर तय करना पड़ता था, किंतु यहां जांच मशीनें आने के बाद लोगों को इस सुविधा के लिए अन्यत्र नहीं जाना पड़ रहा है। जिसके लिए मरीजों द्वारा भी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी का आभार जता रहे है।
जनरल मेडिसिन विभाग के अधीन इको और एंडोस्कोपी जांच की सुविधा निरंतर बेस चिकित्सालय में संचालित हो रही है। मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. केएस बुटोला द्वारा उक्त जांच की सुविधा लोगों को दी जा रही है। जून 2024 से शुरु हुई एंडोस्कोपी की सुविधा के बाद अभी तक 150 से अधिक मरीजों को एंडोस्कोपी की सुविधा मिल चुकी है। हर माह 15-25 के लगभग लोगों की एंडोस्कोपी की जाती है। इसी तरह मई 2024 में शुरु हुई इको कार्डियो जांच की सुविधा एक साल के भीतर 290 से अधिक लोगों की जांच हो चुकी है। हर माह यहां 20- 80 के लगभग इको लोगों के होते है। जिसमें जिला चमोली, टिहरी, पौड़ी और रूद्रप्रयाग जिले से आने वाले लोगों को यह सुविधा मिली है। पहले बेस चिकित्सालय में यह सुविधा ना होने से डॉक्टरों द्वारा इको या एंडोस्कोपी जांच लिखने पर मरीजों को देहरादून या ऋषिकेश का सफर तय करना पड़ता था। लोगों की उक्त दिक्कत को देखते हुए प्रदेश के माननीय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी ने उक्त जांचों हेतु अत्याधुनिक चिकित्सा मशीनें व उपकरण बेस चिकित्सालय में स्थापित कराये। जबकि उक्त जांच कराने के लिए डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ एवं टैक्नीशियन को विशेष ट्रैनिंग दी। जिसके बाद यहां यह सुविधा मरीजों के हित में शुरु हुई। उक्त सुविधा को सुचारू रूप से संचालित कर मरीज हित में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. केएस बुटोला के साथ टैक्नीशियन दीपक, नर्सिंग अधिकारी बीना मैंदोला, देवेश आदि सहयोग दे रहे है। चिकित्सा शिक्षा निदेशक एवं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि अस्पताल में तमाम सुविधाओं को बेहतर ढ़ग से संचालन हो इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों से ना जूझना पड़े।
डायलिसिस की सुविधा भी दो शिफ्टों में होने से मरीजों को राहत-
बेस चिकित्सालय में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रयासों से 250 नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति करने से डायलिसिस की सुविधा बढ़ाने में अस्पताल प्रशासन को मदद मिली है। पहले नर्सिंग अधिकारियों की कमी के कारण एक ही शिफ्ट डायलिसिस संचालित होती थी, किंतु नर्सिंग अधिकारियों के आने से दो शिफ्टों में डायलिसिस की सुविधा मरीजों को दी जा रही है। डायलिसिस यूनिट के नर्सिंग इंचार्ज मोहर सिंह ने बताया कि दो शिफ्टों में डायलिसिस होने से सभी मरीज कवर हो रहे है। हर दिन 15 से अधिक लोगों को दो शिफ्टों में डायलिसिस हो रही है। डायलिसिस यूनिट के सफल संचालन के लिए डॉक्टरों एवं नर्सिंग अधिकारियों की टीम एसओपी के अनुसार कार्य करने में जुटी है। कहा कि 16 मई से दो शिफ्टों में डायलिसिस सुविधा शुरु कर दी थी।