विजय बहुगुणा
श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो)। गढ़वाल मन्डलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी अखिलेश चन्द्र चमोला द्वारा मार्डन जूनियर हाईस्कूल श्रीनगर गढ़वाल के नशा नशा उन्मूलन के सम सामयिक विषय को लेकर एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें नोडल अधिकारी श्री चमोला ने सम्पूर्ण विद्यालय परिवार को जीवन में कभी नशा न करने कि शपथ दिलाई। नोडल अधिकारी चमोला ने नशा उन्मूलन को लेकर छात्र छात्राओं के बीच संबाद स्थापित करते हुए कहा कि आज सबसे बड़ा चिंतन का विषय यह है कि आज समाज में हर समारोह में शराब व नशीले पदार्थों का सेवन किया जा रहा है।हम सबका समग्र प्रयास होना चाहिए कि इस तरह की परम्परा का हम खुल कर विरोध करते हुए आम जनमानस को नशा उन्मूलन के प्रति जागरूक करें। शराब व नशीले पदार्थों का सेवन करने से सम्पूर्ण शरीर का नाश हो जाता है। जीवन मेवास्तविक आनंद व सुखद पहलू की प्राप्ति अच्छे स्वास्थ्य से होनी सम्भव है। नोडल अधिकारी चमोला ने पूरे विद्यालय परिवार को शराब का अर्थ भी बड़े सुंदर तरीके से समझाते हुए कहा कि शराब तीन शब्दों को ले करके बना हुआ है। जिसमें** श** का अर्थ होता हैशत प्रतिशतरा का अर्थ होता हैराक्षसों जैसाबका अर्थ है बना देने वाला।यानि इस का सेवन करने से व्यक्ति की प्रवृत्ति राक्षसों जैसी बन जाती है।इसे मंदिरा भी कहते हैं। जिसमें म का अर्थ मरघट,दि का अर्थ होता हैदिखाने वाला *रा का अर्थ रास्ता अर्थात मदिरा का सेवन करने से व्यक्ति अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। इस लिए हमें इस विष को हाथ नहीं लगाना चाहिए। हमारा उत्तराखंड की भूमि ऋषि मुनियों की तपस्थली है। इस देव भूमि की सार्थकता तभी सभी साकार होगी, जब हमारे युवा अपनी बहुमूल्य शक्ति को पहचान कर नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे। इस मौके पर नोडल अधिकारी चमोलाने बच्चों को महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, लाल बहादुर शास्त्री, महात्मा गांधी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, अटल बिहारी वाजपेई आदि के प्रेरक प्रसंग भी सुनाए। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका बबीता भट्ट ने श्री चमोला की अनुशंसा करते हुए कहा कि बच्चों में अनुकरण करने की क्षमता अधिक होती है। बच्चे प्रेरक प्रसंग को ध्यानपूर्वक से सुनते हैं। उनसे मिलने वाली शिक्षा को अपने जीवन में भी उतरने का प्रयास करते हैं। इस तरह की कार्यशालाओं से निश्चित रूप से बच्चों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। बच्चे नशे से हमेशा दूर रहेंगे। भावी पीढ़ी के विषय में इस तरह का चिंतन करना ही अपने आप में उत्कृष्ट मुहिम को उजागर करता है। इस अवसर पर सरिता सेमवाल,,अनिता बहुगुणा,,अनुज पटेल,, विमला विष्ट, मंजू देवी आदि शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी अपने विचार रखे।