श्रीनगर गढ़वाल(ब्यूरो)। राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस टीचिंग चिकित्सालय के 22 से अधिक विभाग व अनुभाग है। प्रत्येक विभाग व अनुभाग को विगत पांच सालों में यूज किये गये सभी तरह सामान का लेखा-जोखा देना होगा। इसके लिए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कंजप्शन ऑडिट कराने के लिए अस्पताल के प्रत्येक विभाग को पत्र भेजकर सूचना तैयार करने के निर्देश दिये है। सभी विभागों को पांच साल में यूज किये गये सामान का हिसाब-किताब बनाकर कंजप्शन ऑडिट टीम के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। प्रदेश के मा. चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी के मेडिकल कॉलेजों के ऑडिट के निर्देश के उपरांत यह कार्यवाही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा अमल में लायी गई है।
विदित है कि बेस चिकित्सालय में सर्जरी, आर्थो, गायनी, पीडिया, मेडिसिन, ईएनटी, रेस्पिरेटरी, रेडियोथेरेपी, डेंटल, स्कीन, रेडियोलॉजी, ऑप्था, मनोरोग सहित अन्य विभाग व अनुभाग गतिमान है। जिसमें मरीजों के साथ ही कार्यालय एवं ओपीडी, आईपीडी हेतु उपयोग हेतु विभागों के क्लेरिकल एवं स्टोर कीपर द्वारा पेंसिल, पेन रजिस्टर से लेकर छोटी व बडी मशीनें, फर्नीचर, कंप्यूटर सामाग्री। दवाईया अन्य कनजयूमेबल व नान – कनजयूमेबल सामान विभागाध्यक्षों की डिमांड पर सामान मेडिकल व अस्पताल प्रशासन से लिया जाता है, उक्त सामान का समूचित रिकार्ड विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है। स्टॉक रजिस्टर में अंकित सामान का पांच सालों में समस्त रिकार्ड की जानकारी के लिए कॉलेज प्रशासन ने कंजप्शन ऑडिट करने का निर्णय लिया है, ताकि पता चल सके कि विभागों द्वारा अभी तक नियमानुसार उपभोग किये गये सामान की सही जानकारी मिल सके। यहीं नहीं कन्सूमेबल एवं नॉन कन्सूमेबल दोनों प्रकार के सामानों का लेखा-जोखा स्टॉक रजिस्टर में अंकित होना होता है , जो कि प्रतिवर्ष विभागाध्यक्ष / प्रभारी द्वारा सत्यापित किया जाता है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि विभागों द्वारा ली गई सामाग्री का अपने विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है एवं प्रतिवर्ष के अन्तिम माह में पूरा लेखा-जोखा विभागाध्यक्ष / इंचार्ज द्वारा सत्यापित व हस्ताक्षरित किया जाना होता है। जिसमें विभाग के क्लर्क एवं स्टोर कीपर द्वारा संपूर्ण लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी होती है। विभागाों द्वारा अभी तक मांगे गये सभी प्रकार के सामानों का हिसाब-किताब बताना होगा। कहा कि संस्थान द्वारा गठित कंजप्शन ऑडिट टीम द्वारा गत 05 वर्षों का प्रत्येक विभागीय ऑडिट 1 नवम्बर, 2024 से शुरू किया जाना है। इसको देखते हुए सभी विभागों को पांच सालों की स्टॉक रजिस्टर रिपोर्ट को नियमानुसार पूर्णतः से तैयार कर कंजप्शन ऑडिट टीम के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। प्राचार्य ने उक्त कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही ना बरते जाने के निर्देश भी दिये है। अन्यथा की स्थिति मे नियमानुसार कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी।