श्रीनगर गढ़वाल । राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड(एनआईटीयूके) में “पावर इंजीनियरिंग और इंटेलिजेंट सिस्टम (पीईआईएस2024)” शीर्षक पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण का आयोजन 16-17 मार्च के दौरान किया गया। यह सम्मलेन तकनीकी रूप से सॉफ्ट कंप्यूटिंग और संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गयी प्रतिष्ठित संस्था सॉफ्ट कंप्यूटिंग रिसर्च सोसायटी द्वारा प्रायोजित किया गया था। यह सम्मेलन एनआईटीयूके में आयोजित होने वाले सबसे व्यापक शैक्षणिक कार्यक्रमों में से एक था। इसमें कुल ग्यारह देशों के शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रेषित किये।
इस सम्मेलन की एक खास बात सॉफ्ट कंप्यूटिंग रिसर्च सोसायटी द्वारा निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी को सम्मानित किया जाना था। प्रोफेसर अवस्थी को सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कंप्यूटर साइंस एंड इंजिनीअरिंग के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट योगदान के लिए सॉफ्ट कंप्यूटिंग इंजीनियरिंग सोसायटी उन्हें सोसायटी की वर्ष 2024 मानद सदस्यता से सम्मानित किया गया। वही बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय, लखनऊ को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले संस्थान से सम्मानित किया गया है। हाइब्रिड मोड में संचालित किये जाने वाले इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन का उद्घाटन शनिवार को संस्थान के प्रशासनिक भवन में स्थित सम्मेलन कक्ष में आयोजित किया गया जिसमे आईआईटी रूड़की के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मनोज मिश्र मुख्य अतिथि एवं एनआईटी उत्तराखंड के माननीय निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने सर्वप्रथम मानद सदस्य 2024 से सम्मानित किये जाने को लेकर सॉफ्ट कंप्यूटिंग इंजीनियरिंग सोसायटी के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रो.अवस्थी ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा ” वर्तमान परिदृश्य में भारत को “विकसित भारत” बनाने के लिए पावर और इंटेलिजेंट सिस्टम दो मूलभूत जरूरतें हैं। उन्होंने आगे कहा भारत जैसे आधुनिक तकनीकी समाज के विद्युत प्रणालियों और उनके विशेष घटकों के संचालन, नियंत्रण, योजना और रखरखाव में इंटेलिजेंट सिस्टम के अनुप्रयोगों पर चर्चा करने के लिए शिक्षाविदों, उद्योग और छात्रों के विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए पीईआईएस2024 महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्मों में से एक है। यह सम्मेलन अनुसंधान समुदाय को पावर और एनर्जी इंजीनियरिंग,परिवहन और ऊर्जा भंडारण, ग्रिड, स्मार्ट ग्रिड, माइक्रोग्रिड और एसी एवं डीसी, ऊर्जा प्रबंधन, विद्युत बाज़ार और नीति/नियामक पहलू, पावर सिस्टम में डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा और इंटेलिजेंट सिस्टम के अनुप्रयोगों के नए समाधान खोजने के लिए प्रेरित करने का अवसर प्रदान करेगा। प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि इस सम्मेलन के महत्व का आंकलन इस बात से किया जा सकता है कि इसमें चीन, जर्मनी, भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका, और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों को मिलकर कुल ग्यारह देशों से कुल 554 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रेषित किये थे जिनकी समीक्षा करने के उपरांत 87 शोधपत्रों को मौखिक प्रस्तुति के लिए चयनित किया गया। प्रोफेसर अवस्थी ने डॉ. विवेक श्रीवास्तव को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन पीईआईएस2024 के दूसरे संस्करण को लगभग 16% की उत्कृष्ट स्वीकृति दर के साथ, जो सम्मेलन की गुणवत्ता के बारे में बहुत कुछ बताता है, के आयोजन के लिए बधाई दी । उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों डॉ महीराज सिंह रावत, कन्वेनर, डॉ प्रकाश द्विवेदी की सराहना की। प्रोफेसर मनोज मिश्रा ने अपने संबोधन में इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को समय पर आयोजित करने के लिए एनआईटी उत्तराखंड और सॉफ्ट कंप्यूटिंग सोसाइटी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इंटेलिजेंट सिस्टम की मुख्य चुनौतियों पर प्रकाश डाला जो एआई और मशीन लर्निंग को आत्मसात करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रमुख चुनौतियां डेटा की शुद्धता, एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करने के लिए पर्याप्त डेटा की उपलब्धता, फर्जी खबरों की पहचान, डेटा की सुरक्षा आदि हैं। सम्मेलन को 18 सत्रों में आयोजित किया गया। इस दौरान शोध पत्रों की प्रस्तुति के अलावा सेन इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस इंक. मोनरोविले, यूएसए के डॉ. कल्याण के सेन, आईआईटी रूड़की के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ विशाल कुमार, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर बी के पाणिग्रही, सामान्य अध्यक्ष(पीईआईएस2024), डॉ. जगदीश चंद बंसल, महासचिव, सॉफ्ट कंप्यूटिंग रिसर्च सोसायटी, ने की नोट स्पीकर के रूप में विशेषज्ञ व्याख्यान दिए।