श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड में 75वां गणतंत्र दिवस पूरी भव्यता और देश भक्ति के जोश के साथ मनाया गया। समारोह की शुरुआत निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और परेड की समीक्षा के साथ हुई ।
तत्पश्चात निदेशक ने समारोह सभा को सम्बोधित करते हुए सर्वप्रथम पौड़ी जिले की एसएसपी श्वेता चौबे को गणतंत्र दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किये जाने पर बधाई दी और कहा की जिले के पुलिस प्रशासन के लिए यह बड़े ही गौरव की बात है। उन्होंने सभी लोगो को गणतंत्र दिवस की बधाईयाँ और शुभकामनाये दी और देश के अमर सपूतो को श्रद्धांजलि अर्पित किया।
प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि 2047 में जब भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब तक की समयावधि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “अमृत काल” कहा गया है अमृत काल हमारे देश की प्रगति के लिए बहुत महत्व का समय है। यह “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्पों को प्राप्त करने और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की समय अवधि है।
भारत की जनसांख्यिकीय शक्ति का जिक्र करते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने सभी युवाओं का आह्वाहन किया वे बेहतर भविष्य की संकल्पना को साकार करने, आर्थिक विकास को गति देने तथा एक आधुनिक समाज का निर्माण करने के लिए जीवन शक्ति के स्रोत के रूप में कार्य करें।
प्रोफेसर अवस्थी ने संस्थान के छात्रों और संकाय सदस्यों का आह्वाहन करते हुए कहा ” शिक्षा और कामकाजी जीवन के बीच अधिक प्रभावी एकीकरण के लिए सब एक साथ मिलकर अपनी क्रॉस-डिसिप्लिनरी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए वास्तविक समस्याओ का तकनीकी, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से उपयुक्त समाधान ढूढ़ने का प्रयास करे। संविधान के मूल मूल्यों को कार्य स्थल पर और दिन-प्रतिदिन के जीवन में पालन करे, पूरे उत्साह और अपनी क्षमता और सामर्थ्य से ज्यादा काम करते हुए उन्नत उत्तराखंड राज्य और उन्नत राष्ट्र निर्माण में शत प्रतिशत योगदान देने का संकल्प ले।”
उन्होंने आगे कहा “मैं भारत के प्रत्येक नागरिक से यह आग्रह करना चाहूंगा कि “अमृत काल” के स्वर्णिम समय के दौरान, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘भारत में आविष्कार, भारत में नवाचार, मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड’ को अपनाएं और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र में बदलने में योगदान दें।“
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान के नारे के साथ प्रोफेसर अवस्थी ने देश के समस्त किसानों, श्रमिकों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के अमूल्य योगदान की सराहना की। उन्होंने देश की आतंरिक और बाह्य सुरक्षा में दिन रात जुटे सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस-बलों की सराहना करते हुए उनके त्याग को शतशत नमन किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर अवस्थी ने संस्थान के बुनियादी ढांचे, शिक्षा और अनुसंधान से सम्बंधित गतिविधियों, उपलब्धियों और भविष्य की विकास योजनाओं की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत किया जिसमे मुख्यतः अगले शैक्षणिक सत्र से नए पाठ्यक्रम की शुरुआत, बी टेक और पी एच डी प्रोग्राम में सीटों में बढ़ोत्तरी, शोध कार्यों में हुई प्रगति आदि शामिल है । मौके पर प्रोफेसर अवस्थी ने डॉ धर्मेन्द्र त्रिपाठी, डॉ. हरिहरन मुथुसामी, डॉ. जागृति सहारिया, डॉ. सारिका पाल डॉ. नितांशु चौहान, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. हिमेश कुमार को एसईआरबी-डीएसटी, एमईआईटीवाई
सीएसआईआर जैसी एजेंसियों द्वारा प्रोजेक्ट अनुदान मिलने पर बधाई दी और संस्थान के सभी सदस्यों से और अधिक प्रोजेक्ट्स और पेटेंट फाइल करने का आह्वाहन किया।
प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि संस्थान के बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र जिनकी उच्च शिक्षा में रूचि है उनके लिए एक अच्छी खबर है । आईआईटी मंडी के साथ किये गए एम ओ यू के तहत वह के प्रतिनिधि मंडल शीघ्र ही एनआईटी का दौरा करने वाला है जिसमें छात्रों को एम टेक या इंटीग्रेटेड पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश देने की प्रक्रिया पर अमल किया जाएगा।
इस अवसर पर संस्थान के प्रभारी कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी ने सभी लोगो को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाये दी और समारोह में होने के लिए सभी के प्रति आभार प्रकट किया। समारोह के अंत में छात्रों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक एवं देशभक्ति कार्यक्रम की प्रस्तुति की गयी।